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कामायनी के संबंध में विशेष तथ्य: जयशंकर प्रसाद। Kamayani Related Important Points

कामायनी पर विशेष: जयशंकर प्रसाद


 प्रकाशन वर्ष – 1935

 कुल सर्ग – 15

1.चिन्ता 2.आशा 3.श्रद्धा 4.काम

5.वासना 6.लज्जा 7.कर्म 8.ईर्ष्या

9.इडा (तर्क, बुद्धि) 10.स्वप्न 11.संघर्ष

12.निर्वेद (त्याग) 13.दर्शन 14.रहस्य 15.आनन्द


 *अंगीरस – शांत (निर्वेद)* 

 *मुख्य पात्र* – मनु, श्रद्धा, इडा कुमार

 *मुख्य छंद* – ताटक 

 *दर्शन* – शैव ( प्रतिभिज्ञा )

 *प्रतीक* – मनु- मन, श्रद्धा-हृदय, इडा-बुद्धि, कुमार-मानव


 *सर्गों में विशेष छंद* -

आल्हा छंद – चिंता सर्ग आशा सर्ग स्वप्न सर्ग निर्वेद सर्ग

लावनी छंद – रहस्य सर्ग इडा सर्ग श्रद्धा सर्ग काम सर्ग लज्जा सर्ग

रोला छंद – संघर्ष सर्ग

सखी छंद – आनन्द सर्ग

रूपमाला छंद – वासना सर्ग


 *कामायनी पर विद्वानों का मत* 


“वर्तमान हिंदी कविता में दुर्लभ कृति” – हजारी प्रसाद द्विवेदी


“विश्व साहित्य का आठवाँ काव्य ” – श्याम नारायण


“आधुनिक हिंदी कविता का रामचरित मानस” – रामनाथ सुमन

“विराट सामंजस्य की सनातन गाथा” – विश्वम्भरनाथ मानव

“आर्ष ग्रन्थ” – डॉ. नागेन्द्र


“आधुनिक हिंदी काव्य का सर्वाधिक महत्वपूर्ण ग्रन्थ” – शुक्ल जी

“मधुरस से सिक्त महाकाव्य” – रामरतन भटनागर


“मानवता का रसात्मक इतिहास” – नन्द दुलारे वाजपेयी


“कामायनी समग्रता में समासोक्ति का विधान लक्षित करती है” – डा. नागेन्द्र


“छायावाद का उपनिषद” – शांतिप्रिय द्विवेदी

“फंतासी कृति” – मुक्तिबोध

“यह अपने आप में चिति का विराट वपु मंगल है – डॉ. बच्चन सिंह


 *कामायनी पर लिखे गये ग्रन्थ*

'कामायनी एक पुनर्विचार'– मुक्तिबोध

'कामायनी का पुनर्मूल्यांकन'– रामस्वरुप चतुर्वेदी


▪ *”आत्मा और परमात्मा का गुप्त वाग्विलास रहस्यवाद है और वही छायावाद है।”*

किसका कथन है ?

              -रामकुमार वर्मा 

▪ *”जिस प्रकार मैटर ऑफ़ फैक्ट(इतिवृत्तात्मक) के आगे की चीज छायावाद है उसी प्रकार छायावाद के आगे की चीज रहस्यवाद है।”*

किसका कथन है ?

      ~शांतिप्रिय द्विवेदी

▪ *”कविता के क्षेत्र में पौराणिक युग की किसी घटना अथवा देश-विदेश की सुंदरी के बाह्य वर्णन से भिन्न जब वेदना के आधार पर स्वानुभूतिमयी अभिव्यक्ति होने लगी तब हिंदी में उसे छायावाद के नाम से अभिहित किया गया।”*

किसके द्वारा दी गयी परिभाषा है ?

         ~जयशंकर प्रसाद

▪ *छायावाद वस्तुत: कई काव्य प्रवृत्तियों का सामूहिक नाम है और वह उस “राष्ट्रीय जागरण की काव्यात्मक अभिव्यक्ति” है जो एक ओर पुरानी रुढ़ियों से मुक्ति पाना चाहता था और दूसरी ओर विदेशी पराधीनता से।*

किसका कथन है ?

          ~नामवर सिंह

▪ *”…..छायावाद एक शैली विशेष है,जो लाक्षणिक प्रयोगों,अप्रस्तुत विधानों और अमूर्त उपमानों को लेकर चलती है।”*

किसका कथन है ?

    ~आचार्य रामचंद्र शुक्ल

▪ *’ कामायनी ‘* मनोविज्ञान की *’ट्रीटाइज़’* है।

किसका कथन है ?

         ~डॉ नगेन्द्र

▪ *कामायनी हर आधुनिक समीक्षक , और रचनाकार के लिए भी, परीक्षा–स्थल है।*

किसका कथन है ?

➖रामस्वरूप चतुर्वेदी

▪किसने कामायनी को *कंपोजीशन* की संज्ञा दी है ?

             ~रामस्वरूप चतुर्वेदी

▪किस विद्वान ने प्रसाद के नाटक ‘कामना’ को कामायनी का प्रास्ताविक माना है ?      

         -बच्चन सिंह



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