सलाह नही साथ चाहिए- लघु कथा
सलाह नही साथ चाहिए- एक प्रेरक प्रसंग
नमस्कार दोस्तों!
आज हम आपके लिए लाए है एक लघु कथा जो इस कोरोना जैसी महामारी में हमें सकारात्मक सोच प्रदान कर सकती है।
कहानी का नाम है " सलाह नही साथ चाहिए "
एक बार एक पक्षी अपनी चोंच में पानी भर भरकर समुन्द्र से बाहर डाल रहा था।
उसे देखकर दूसरे पक्षी ने पूछा:- " भाई ये क्या कर रहा है?" उसने बोला " इस समुन्द्र मेरे बच्चे डुबो दिए अब मैं इससे अपना बदला लूंगा और इसे सुखा दूँगा । "
यह सुनकर दूसरा पक्षी बोला भाई तुझसे क्या समुन्द्र सूखेगा ? तू तो बहुत छोटा है और तेरा पूरा जीवन लग जाएगा, तो भी तू इसे सुखा नही पायेगा।
दूसरे पक्षी की बात सुनकर पहला पक्षी बोला :- " तुझे मेरा साथ देना है तो साथ दे, सिर्फ सलाह नहीं चाहिए।"
ऐसे में उसे देखकर अन्य पक्षी भी आते गए और सभी एक दूसरे को कहते रहे "सलाह नहीं साथ चाहिए"
इस तरह हजारों पक्षी काम पर लग गए, ये देख भगवान विष्णु जी का वाहन गरुड़ भी वहाँ जाने लगा, भगवान बोले तू वहाँ जाएगा तो मेरा काम रुक जाएगा और तुम पक्षियों से वो समुन्द्र सुखना भी नहीं है, गरुड़ बोले प्रभु "सलाह नहीं साथ चाहिये" और फिर क्या था जैसे ही विष्णु जी भी आ गए समुंदर सुखाने, ये देखकर समुन्द्र डर गया और उसने उस पक्षी के बच्चे लौटा दिए।।
इसलिए हमेशा याद रखें कि किसी भी महामारी के समय इंसानों को आपकी "सलाह नहीं केवल आपका साथ चाहिये" होता है।।
सलाह देने के बजाय साथ दीजिये धीरे धीरे मुश्किल से मुश्किल काम भी पूरा हो जाएगा।
धन्यवाद।
कहानी कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं।
🙏 *राम- राम* 🙏
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